इत्य!
इत्य Here. यहाँ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चयगुरु – Nishchayaguru. One having absolute perception of knowing himself. निश्चय से आत्मा ही आत्मा का गुरु है क्योंकि मोक्ष सुख का ज्ञान कर स्वयं ही उसे परम हितकर ज्ञान उसकी प्राप्ति में अपने को लगता है “
तीन Three (three jewels of Jain philosophy etc.). एक संख्या , तीन लोक , तीन चैबीसी , रत्नत्रय (तीन रत्न), तीन अज्ञान इत्यादि । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तिर्यक् चतुष्टकय A quartet related to subhuman beings (Tiryanch). तिर्यच गति, तिर्यचगत्यानुपूर्वी, तिर्यचआयु, उद्योत।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तिर्यच जीव Animal and plants, beings other than human, celestial & infernal beings. मनुष्य, देव और नारकी जीवों को छोडकर शेष एकेन्द्रिय से लेकर पंचेन्द्रिय जीव तिर्यंच जीव कहलाते हैं । मन वचन काय की कुटिलता को प्रापत , निकृष्ट अज्ञानी और जिनके अत्यधिक पाप की बहुल्ता पायी जाये , उसको तिर्यंच कहते हैं।[[श्रेणी: शब्दकोष…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय उपगूहन – Nishchaya Upgoohana. Absolutely free from all passion. मुनि अवस्था में सिद्धों की अर्थात् शुद्धात्मा की भक्ति से युक्त होना और रागादी भावों से युक्त नहीं होना अर्थात् अपने निरंजन-निर्दोष आत्मा को दूषित करने वाले मिथ्यात्व रागादि विभावधर्मों का विनाश करना “
तालाब Pond, the 8th dream of Bharat Chakravarti (an emperor) out of 16 dreams. भरत चक्रवर्ती के 16 स्वपनों में 8 वें स्वप्न, जिसमें मध्य भाग में सूखा तालाब देखा।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शशि – Shashi. The Moon, A king of Ikshvaku dynesty. चंद्रमा, इक्ष्वाकुवंशी एक राजा जो रवितेज का पुत्र था “