पिंडस्थ ध्यान!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिंडस्थ ध्यान – Pimdastha Dhyana. Procedural meditation on soul with different concepts. पार्थिवी आदि अनेक प्रकार की धारणाओं द्वारा अपने शरीर में स्थित आत्मा का एकाग्रचित्त होकर ध्यान करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिंडस्थ ध्यान – Pimdastha Dhyana. Procedural meditation on soul with different concepts. पार्थिवी आदि अनेक प्रकार की धारणाओं द्वारा अपने शरीर में स्थित आत्मा का एकाग्रचित्त होकर ध्यान करना “
तिजारा (तीर्थ) Name of a Digambar Jain Atishay Kshetra (a place of pilgrimage) of Lord Chandraprabh in Alvar dist. Rajsthan. राजस्थान के अलवर जिले में स्थित एक सुन्दर नगर जहाँ चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र अवस्थित है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुस्थिता – Susthitaa. Name of a female deity of Ruchak mountain. रूचक पर्वत वासिनी दिक्कुमारी देवी ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] न्यायरत्नाकर – Nyaayrtnakra. See – Nyaayaratnamaalaa देखें- न्यायरत्नाकमाला “
तर्क संग्रह A book written by Shivaditya. वैषेषिक साहित्य प्रवर्तक शिवदित्य का एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुवीर्य – Suveerya. Name of a king of Ikshvaku dynasty. The 46th son of king Dhritrashta. इक्ष्वाकुवंशी एक राजा । अतिवीर्य का पुत्र, उदितपराक्रम का पिता, राजा धृतराष्ट्र तथा रानी गांधारी का 46 वाॅं पुत्र ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवनत्रिक देव – Bhvanatrika Deva. Three type of deities (Vyantar, Jyotishka, Bhavanvasi). व्यंतर, ज्योतिष्क, भवनवासी ३ निकायों के देव को भवनत्रिक कहते हैं “
तरेप्पन क्रिया वृत Union or association with youngs (which is prohibited in relation to observing celibacy). श्रावक की 53 क्रियाओं के वृत – अष्टमूलगुण , बारह व्रत, बारहि तप, समता भाव, ग्यारह प्रतिमाएं, चार दान, पानी छानकर पीना, रात्रि भोजन त्याग, सम्यग्दर्शन सम्यग्ज्ञान आसैर सम्यग्चारित्र के वृत । इनकी विधिस ग्रंथों में देखें। [[श्रेणी: शब्दकोष…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वराह – Varaah.: Rhinoceros, significant symbol of Lord Shreyansnath , Name of a city in the north of Vijayardh mountain. गैंडा ,भगवान् श्रेयांसनाथ का चिन्ह , विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर “
तर्क Argument, Inductive reasoning, Logic. उपलब्धि और अनुपलब्धि की सहायता से होने वाला व्याप्तिज्ञान जैसे – धुएँ को देखकर अग्नि का ज्ञान होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]