भाष्य!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाष्य – Bhasya. Commentary, Exposition. व्याख्या, व्रत्ति, टीका “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाष्य – Bhasya. Commentary, Exposition. व्याख्या, व्रत्ति, टीका “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरि – Hari. The son of king Arya of Champapur, on the name of whom Hari Dynasty was originated. चम्पापुर के राजा आर्य और रानी मनोरमा का पुत्र। इसी राजा के नाम पर हरि वंष की उत्पत्ति हुई।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्याश्रमण – Vidyasramana. Learned Jaina saints at the learning stage of 10th Purva (scriptural knowledge). जो मुनि दसवें पूर्व को पढते समय रोहिणी आदि लौकिक विद्याओं के प्रलोभन में न पड़कर दशपुर्व के पाठी होते हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हंस साधु – Hammsa Saadhu. A type of false saints of Vedant philosophy. एक प्रकार के वेदांती साधु, जो दोषो से युक्त होते है, कषाय वस्त्र धारण करते है एवं दण्ड रखते है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर निमिक्तक उत्पाद :A kind of origination.उत्पाद के दो भेदों में एक भेद, परप्रत्यय उत्पाद ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पोन्न – Pona. A Kannad poet who wrote ‘shanti Purana Jinakshra Male. शांति पुराण जिनाक्षर माले के रचयिता एक कन्नड़ कवि (ई. ९७२) “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वार्थी – Svaarthii. One engrossed in self, selfish one, one of the 88 planets. आध्यात्मिक व्याख्या के अनुसार आत्महित मे संलग्न रहने वाले को स्वार्थी कहते है। क्षुद्र मनुष्य जो अपना कार्य करने मे ही तत्पर रहते है उन्हें स्वार्थी कहा गया है, जैसे मेद्य परोपकारी है और बड़वानल स्वार्थी है। 88 ग्रहो…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परंपरा बंध Continuity of binding of Karmas.ब्ंाध की निरन्तरता का नाम बंध परम्परा है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विवेक – Viveka. Prudence, Conscience, Judgement, Discretion. जिसमें राग हो ऐसे अन्न-पान आदि का त्याग करना दोषोंत्पाद्क द्रव्यादिकों का मन से अनादर करना, भले-बुरे का ज्ञान “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाधीन सुख – Svaadhiina Sukha. Supreme bliss. स्ंसार के समस्त विषय-कषायोे की रहितता से प्राप्त सुख। यह सुख सिद्वो मे पूर्णतः प्रगट होता है।