द्विचारित्रसिद्ध!
द्विचारित्रसिद्ध The soul who gets salvation through two types of super conducts (in accordance with Bhutpragyapana Naya). भूतप्रज्ञापन नय की अपेक्षा दो चारित्र से सिद्ध होने वाले जीव । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्विचारित्रसिद्ध The soul who gets salvation through two types of super conducts (in accordance with Bhutpragyapana Naya). भूतप्रज्ञापन नय की अपेक्षा दो चारित्र से सिद्ध होने वाले जीव । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्वात्रिंशतिका Name of a prayer written by Amitgati Acharya. आचार्य अमितगति द्वारा रचित 32 श्लोक वाला सामायिक पाठ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हैमवत् क्षेत्र – Haimavat Ksetra Name of the 2nd great region in all 7 regions of Jambudvip (island). जम्बूद्वीप के 7 क्षेत्रों मे दूसरा क्षेत्र। यहाॅ जधन्य भोगभूमि है।
एक अनंत Unidirectional finite (like sea). एक दिशा में देखने पर उसका अंत नहीं पाया जाता इसलिये उसको एकानंत कहते हैं- जैसे अथाह समुद्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्तरभाद्रपद नक्षत्र Name of a lunar. एक नक्षत्र का नाम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतृरागता –Vitaragata. State of passionlessness, Freeness from worldly attachment.” सच्चे आप्त (भगवान) के तीन मुख्य गुणों सर्वज्ञंता, वीतरागता तथा हितोपदेशिता में से एक गुण ” जिसमें राग, द्वेष एवं मोह का अभाव होता है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हुंडकसंस्थान नामकर्त प्रकृति – Humdakasamsthaana. Naamakarma Prakrti. Physique making karma causing formation of misshapened body. जिस कर्म के उदय से जीव का शरीर बेडौल होता है उसे हुंडक शरीर संस्थान नामकर्म कहते है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हिंसा यज्ञ – Himmsaa Yaggay violenceful sacrificial rite. पशु या मनुष्यों की जिसमे आहुति दी जाये ऐसा हिंसक यज्ञ। तीर्थकर मुनिसुव्रतनाथ के तीर्थ मे सगर राजा से द्वेष रखने वाला एक महाकाल नाम का एक असुर हुआ था, उस अद्वानी ने इस हिंसायज्ञ का उपदेष दिया था।