भुजंगशाली!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजंगशाली – Bhujangashali. A type of peripatetic deities. महोरग जातिय व्यंतर देवों का एक भेद “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजंगशाली – Bhujangashali. A type of peripatetic deities. महोरग जातिय व्यंतर देवों का एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकानुवृत्ति –Lokaanuvrtti.: A kind of modesty. सामान्य विनय का एक भेद ;किसी पुरुष के अनुकूल बोलना तथा देश व काल योग्य अपना द्रव्य देना लोकानुवृत्ति विनय है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरतिशय – Niratishaya . Ordinary, without any wonder or transcendent. अतिशय रहित, साधारण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकमूढ़ता –Lokmoodhtaa.: False tradition or false ritualistic belief (superstition). लोक में धर्म के नाम से मणि हुई मूढ़ता या अन्धविश्वास “जैसे नदी या समुद्र में स्नान करना , पर्वत करना , बालू –पत्थरों का ढेर लगाना , अग्नि में जलना आदि को धर्म समझकर करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पांशुमूल – Paanshumoola. A city situated in the south of Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनयशुध्दि – Vinayashuddhi. Reverential purity. कीर्ति, आदर आदि लौकिक फलों की इच्छा छोडकर साधर्मी जन, गुरुजन, इत्यादिकोण का विनय करना विनय शुद्धि है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकप्रतर – Lokapratar. A very large imaginary mathematical quantity. जगत श्रेणी के वर्ग को जगत्प्रतर कहते हैं अर्थात (7)^2=49 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारिणामिक परमाणु – Parinamika Paramanu. Resultant atoms with the property of absorbing other atoms. संख्यात, असंख्यात स्निग्ध या रुक्ष गुण के अंशो से युक्त अपने रूप में परिणमन कराने वाला परमाणु “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोक अनुप्रेक्षा – Lok Anuprekshaa.: One of the 12 reflections (continuous contemplation for pain & pleasure ). 12 भावनाओं में से एक भावना ;लोक की स्तिथि,विस्तार ,जीवों के सुख –दुख आदि का बराबर चिंतन करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पायसागर (आचार्य) – Payasagara (Acarya). Name of a Digambar Jain Acharya, the disciple of Charitra Chakravarti Acharya Shri Shantisagar Maharaj. चरित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज के प्रमुख ७ मुनि शिष्यों में से एक प्रभावक आचार्य “