निर्वाणकल्याणक!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वाणकल्याणक – Nirvaanakalyaanaka. Holy event of salvation of Lord – Arihant. पंचकल्याणकों में एक कल्याणक; तीर्थंकरों के निर्वाण के अवसर पर देवों द्वारा मनाया जाने वाला उत्सव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वाणकल्याणक – Nirvaanakalyaanaka. Holy event of salvation of Lord – Arihant. पंचकल्याणकों में एक कल्याणक; तीर्थंकरों के निर्वाण के अवसर पर देवों द्वारा मनाया जाने वाला उत्सव “
फण Expanded snake hood. नाग का फैला हुआ फण, वर्तमान में पार्शवनाथ भगवान की प्रतिमा को मस्तक पर फैले नाग के फण से पहचाना जाता है। भगवान महावीर ने बाल्यावसथा में नाग के फण पर निर्भयता पूर्वक क्रीड़ा करने से संगमदेव द्वारा महावीर नाम प्राप्त किया था। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वर्तना – Nirvartana. Accomplishment. निष्पादन या रचना “
आस्तिक्य An attribute of right perception i.e. having religious faith. सम्यग्दर्शन का एक गुण-परलोक पुण्य – पाप आत्मा परमात्मा में श्रद्धा रखना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बिन्दुसार – Bimdusara Father’s name of the Magadha emperor, Ashok. मगध सम्राट् अशोक के पिता का नाम ” समय – जैन के अनुसार ई.पू . ३०२-२७७; लोक अनुसार ई.पू. २९८-२७३ “
आशाधर A great writer of Anagardharmamrita. ई.सन् 1173-1243 में जिन्होंने अनगारधर्मामृत प्रधान कृति की रचना की।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्भरानंद – Nirbharaanamda. Full of bless. आत्म आनंद से भरपूर”
इंद्रध्वज विधान A book written by Ganini Gyanmati Mataji related to Pooja-Vidhan (worshipping). गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमति माताजी द्वारा मध्यलोक के 458 आकृत्रिम जिन-चैत्यालयों की पूजन हेतु रचित एक अनुपम कृति (ई.स.1976)। वर्षा के अभाव में इस विधान को करने की प्राचीन परम्परा है। वर्तमान में अपने मनोरथों की सिद्धि हेतु भी लोग इस विधान…
आशीर्वाद Blessing, Benediction. आशीष मंगलकामना या सद्भावना की अभिव्यक्ति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवीषेणा – Prthivisena. The mother’s name of Jaina Lord Suparshvanath. सुपार्श्वनाथ भगवान की माता का नाम “