घनमूल!
घनमूल Cube root. गणित में घनराशि का मूल अन्नक- जैसे ६४ का घनमूल ४ है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
घनमूल Cube root. गणित में घनराशि का मूल अन्नक- जैसे ६४ का घनमूल ४ है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोज्यशूद्र:A lower division of people of society. कारू शूद्र का एक भेद “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदानुसारी ऋद्वि : A type of supernatural power (related to Predestination of knowledge) एक ऋद्वि इससे आगम का एक पद सुनकर पूर्ण आगम का बोध हो जाता है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैस्रसिक शब्द – VAisrasika Sabda. Natural sounds (reg. thundering etc.). अभाषात्मक के दो भेदों में एक भेद, मेघ आदि के निमित्त से जो शब्द उत्पन्न होते हैं वे वैस्रसिक शब्द हैं “
गुणनिमित्तक नाम The names like krishna, Mahavira etc. which are pronounced to express virtues. ऐसे नाम जो गुणों के निमित्त से व्यव हार में आते हैं, जैसे कृष्ण, महावीर आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोगांतराय कर्म:Obstructive Karma in the way of worldly enjoyments. अंतराय कर्म का एक भेद; जिस कर्म के उदय से जीव भोगने की इच्छा करता हुआ भी नहीं भोग पाता “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाख्यात चारित्र–Yathakhyata Charitra. Perfect Conduct. वीतराग भाव, कषायोकेसवर्था अभाव से प्रादुर्भूत आत्मा की शुधि विशेष को यथाख्यात चारित्र कहते है” यह 11वे, 12वे, गुणस्थान में होता है”
ग्रहाङ्ग A type of wish fulfilling trees (Kalpavrikshas). कल्पवृक्षों का एक भेद; जो आवश्यकतानुसार राजमहल , सभाग्रह आदि देते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पणय: Fungus, Mould. काई या कांजी आदि के ऊपर लगी हुई फफुदी पणय है।