मनुष्यणीसिद्ध!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुष्यणीसिद्ध – Manushyaniisiddha. Those salvated from Bhav Strived (according to Bhutpragyapan Naya). भाव स्त्रीवेद से सिद्ध होने वाले जीव ये अल्पबहुत्व की अपेक्षा स्तोक हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुष्यणीसिद्ध – Manushyaniisiddha. Those salvated from Bhav Strived (according to Bhutpragyapan Naya). भाव स्त्रीवेद से सिद्ध होने वाले जीव ये अल्पबहुत्व की अपेक्षा स्तोक हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वस्थान गोपुच्छा – Svasthaana Gopucchaa. Reducing sepuence of Karmic results (related to Krishties). विवक्षित एक संग्रह कृष्टि मे जो अंतरकृष्टियाके के विषेष धटना क्म पाया जाता है उसे स्वस्थान गोपुच्छा कहते है।
धनंजय A Digambar Jain poet. दिगम्बर आम्नाय के एक कवि (धनंजय नाममाला, विषापहार स्त्रोत आदि के कर्ता) ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनःप्रत्याखयान Renunciation of all infractions mentally. मन से मैं अतिचारों को भविष्यत्काल में नहीं करूंगा , ऐसा विचार करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्ववचनबाधित – Svavacanabaadhita. Self obstructive speech. बाधित विषय हेत्याभास के 4 भेदो मे अंतिम भेद। जिसके साध्य मे अपने वचन से ही बाधा आती है। जैसे- मेरी माता बन्ध्या है क्योकि पुरुष का संयोग होने पर भी उसके गर्भ नही ठहरता।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भट्टारक – Bhattaraka. The super souls, A title for super soul & spiri-tual personalities according to ancient Jaina scriptures. धवला आदि प्राचीन ग्रन्थों में अर्हन्त, सिध्द, साधु को परमपूज्यता के प्रतीक में भट्टरक शब्द से संबोधित किया गया है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बीज – Bija. Mystical letter of Mantra or incantation, Seeds. मंत्रो का मूल अक्षर या शब्द ” जिनमें वनस्पति आदि रूप अंकुरण करने की क्षमता हो “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वरुपास्तित्व – Svaruupaastitva. A type of existence; power to show existence of each & every matter separately. अस्तित्व के दो भेदो मे एक भेद। अवान्तर सत्ता-प्रतिनियत वस्तुवर्ती तथा स्वरुपास्तित्व की सूचना देने वाली (अर्थात् पृथक्-पृथक् पदार्थ का पृथक्-पृथक् स्वतंत्र अस्तित्व बताने वाली ) अवान्तरसत्ता है।
द्वेषकी क्रिया A kind of activity of violence . एक प्रकार की हिंसा क्रिया।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संधान – Sandhaana. Pickles, Jam (non-edible according to Jain philosophy). अचार व मुरब्बा ” त्रस जीवों से संसिक्त होने से ये अभक्ष्य हैं “