सरागचारित्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सरागचारित्र – Saraagachaaritra. Right conduct including passion or delusion. राग सहित चारित्र इसे अपवाद, व्यवहार, अपहतसंयम, शुभोपयोग, इन नामो से जाना जाता है। पंचमकाल के मुनियो का सरागचारित्र होता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सरागचारित्र – Saraagachaaritra. Right conduct including passion or delusion. राग सहित चारित्र इसे अपवाद, व्यवहार, अपहतसंयम, शुभोपयोग, इन नामो से जाना जाता है। पंचमकाल के मुनियो का सरागचारित्र होता है।
चारित्रशुद्धि A particular vow related to purification of conduct. १२३४ अंगों के उपलक्ष में एक उपवास एक पारना क्रम से ६ वर्ष , १० माह , ८ दिन में १२३४ उपवास करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्रिमकार Wine, meat, honey (the three inedible things). मदिरा, मास, मधु। तीन न खाने योग्य पदार्थ जिनका प्रारंभ ‘म’ शब्द से है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रसकाय Mobile beings (two sensed to five sensed beings). स्थावर जीवों को छोडकर दो इन्द्रियों से पंचेन्द्रिय तक के जीव । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चौर्यानम्द To feel pleasure in stealing activities. रौद्रध्यान का एक भेद ; चोरुई करने , कराने व उसकी अनुमति देने में आनंद मानना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष प्रत्यय विधान – Sparssana Pratyaya Vidhaana. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।
तैतिल A country situated in Bharat kshetra (region). भरत क्षेत्र में स्थित एक देश। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुष्यचतुष्क – Manushyacatuska. Quartet related to the human beings. मनुष्यगति , मनुष्यगत्यानुपूर्वी, औदारिक शरीर व औदारिक अंगोपांग “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष काल विधान – Sparssa kala Vidhaana. A type of anyyogdwar (disquisition door), assocaiontion of “time” with other matters.देखे- स्पर्श अंतर विधान, कालद्रव्य का जो अन्य द्रव्यो के साथ संयोग है उसका नाम काल स्पर्शन है।