प्रकरण!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकरण – Prakarana. Topic, Section, Part. विषय, प्रसंग, किसी कृति का छोटा भाग “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकरण – Prakarana. Topic, Section, Part. विषय, प्रसंग, किसी कृति का छोटा भाग “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वासनाकाल – Vaasanaakaala.: Period of passionful thoughts. किसी विशेष कषाय भाव का संस्कार बना रहना “जैसे अनंतानुबंधी कषाय का वासनाकाल 6 महीने के ऊपर अनंत भवों तक भी रह सकता है एवं संज्वलन कषाय अंतर्मुहूर्त में ही समाप्त हो जाती है “
चतुरिन्द्रिय Four – sensed beings. स्पर्शन , रसना , घ्राण , चक्षु ये ४ इन्द्रियाँ जिन जीवों के होती हैं वे चतुरिन्द्रिय जीव हैं . जैसे -मक्खी , मच्छर आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विस्तार दर्शनार्य –VistaraDarsanarya. A type of noble persons. दर्शनार्य १० प्रकार के होते हैं उनमें से विस्ताररूचि वाले सम्यग्द्रष्टि को विस्तार दर्शनार्य कहते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भानुमालिनी – Bhanumalini. Name of a super power possessed by Ravana. रावण को प्राप्त एक विधा “
थोस्सामिदंडक A lesson for the prayer of Jaina Lord . थोस्सामिहं जिणवरे-इत्यादिरूप एक चौबीस तीर्थंकर स्तुति का प्राकृत पाठ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धद्रव्यार्थपर्याय नैगमनय – Shuddha Dravyaarthaparyaaya Naigama Naya. A standpoint related to distinct & indistinct description of a pure matter (Jiva) & one of its Artha Paryay. शुद्धद्रव्य व उसकी किसी एक अर्थपर्याय को गौण-मुख्यरूपसे विषय करने वाला नय “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुनर्जन्म – Punarjanma. Reincarnation, rebirth. पुनः या दुबारा जन्म होना “
त्रैलोक्यजिनालयव्रत A type of vow (fasting) to be observed for different 48 days in regard to different temples of Teenlok (three worlds). तीन लोक में अकृत्रिम – शाश्र्वत जिन मंदिर 856, 97, 481 है। अधोलोक के भवनवासी देवों के 10 भेदों के मंदिरों की अपेक्षा 10, मध्यलोक के पंचमेरू आदि के 12, वयतरों के 8,…
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्तिशिला–Muktishila. Place of salvation. सिद्ध शिला; ईषत् प्राग्भार अष्टमपृथ्वी केमध्य छत्र के आकार ढाई द्वीप प्रमाण गोल 45 लाख योजन व्यास की शिला” यहीं सिद्ध भगवान् विराजते है”