वाचनिक व्युत्सर्ग!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचनिक व्युत्सर्ग– Vaachanika Vyutsarga.: Auspicious reveential utterances in meditation. शब्दों के द्वारा अभिव्यक्त जाप या कायोत्सर्ग “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचनिक व्युत्सर्ग– Vaachanika Vyutsarga.: Auspicious reveential utterances in meditation. शब्दों के द्वारा अभिव्यक्त जाप या कायोत्सर्ग “
चतुरंक Infinite increase. असंख्यातभाग वृद्धि की चतुरंक संज्ञा है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाग्भट्ट संहिता – Vaagabhatta Sanhitaa.: Name of a treatise written by Pandit Ashadhar. पं. आशाधर कृत न्याय का संस्कृत ग्रन्थ “समय –वि. 1230 – 1300 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचशती – Panchashati. A book written by Vidyaranya. एक साहित्यप्रवर्तक विद्यारण्य (ई. 1350) कृत एक ग्रंथ “
त्रिलोकासार टीका A commentary book written by Acharya Madhava Chandra. आचार्य माधवचन्द्र त्रैविद्य कृत त्रिलोक ग्रंथ की टीका। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनयसेन – Vinayasena. Name of an Achaeya, the disciple of Acharya Virasen. पंचस्तूप गुर्वावली के अनुसार धवलाकार आचार्य वीरेसेन स्वामी के शिष्य तथा काष्ठासंघ संस्थापक कुमारसेन के गुरु (ई. ८२०-८७०) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचमगति – Panchamagati. Bodiless state of salvation (siddha Gati). सिद्धगति “
देवगत्यानुपूर्वी See – Devagati Pråyogyånupýrvî. देव- देवगति प्रायोग्यानुपूर्वी ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सोमशर्मा – Somasharmaa. Name of a Brahmin character of a Jaina tale. एक ब्रहामण, इसने अपनी कन्या सोश्री का विवाह गजकुमार से करने का निष्चय किया ही था कि गजकुमार विरक्त होकर दीक्षित हो गये । राजकुमार को ऐसा करने से क्रोध में आकर इसने उनके सिर पर अग्नि जलाई थी । उपसर्ग जीतकर…
उवधि An unwarranted behaviour . एक अतिचार मायाचारी पूर्वक अतिचार का अन्यथा कथन करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]