भविष्यवाणी!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भविष्यवाणी – Bhavisyavani. Predictions, prophesy. भविष्य में होने वाली शुभ –अशुभ आदि घटनाओं का वर्तमान में उल्लेख करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भविष्यवाणी – Bhavisyavani. Predictions, prophesy. भविष्य में होने वाली शुभ –अशुभ आदि घटनाओं का वर्तमान में उल्लेख करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाज्य – Bhajya. Divisible, Portion, Dividend. वह संख्या जो भाजक द्वारा भाग दी जाती है “
दुषमा काल A period of 21000 years is called one Dushama Kal or misery period (presently this period is going on). अवसर्पिणी काल का 5 वां और उत्सर्पिणी काल का दूसरा भेद। इस काल का समय 21 हजार वर्ष का होता है (वर्तमान में यही काल चल रहा है।)।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वामन मुनि –Vaamana Muni.: Name of a writer of ‘Memandra Puran’(a treatise). मेमंदर पुराण के रचयिता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यप्रकृति – Punyaprakrti. Meritorious Karmic nature (are 68 in Jaina philosophy). कर्मों की ६८ प्रकृतियाँ पुण्यरूप हैं, साता वेदनीय, नरकायु के बिना तीन आयु, उच्चगोत्र, मनुष्यदिक्, देवदिक्, पाँच शरीर आदि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजाख्यान – जिनागम में कहे गए चार आख्यानों में लोकाख्यान, देवाख्यान, राजाख्यान, पुराख्यान में चैथा। इसमें राजा के अधीन देष और नगर आदि का तथा उसके प्रभाव क्षेत्र का वर्णन किया जाता है। Rajakhyana- One of the four exposition prescribed in a jaina scripture
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विष्णुनंदि –Visnunandi. Name of an omniscient after Lord Mahavira. भगवान महावीर के बाद हुए पंचम श्रुतकेवली, समय – ई. पू. ४६५-४५१, अपरनाम नंदि था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंजिका – Panjikaa. A descriptive book of odd items. वृत्तिसूत्रों के विषम पदों को स्पष्ट करने वाले विवरण को पंजिका कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूढ संख्या – संख्या जो स्वयं से अथवा एक से भाजित होती हो। Rurha Samkhya-Prime number (Number which can be divide only by 1 or itself)
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैरत्याग –Vairatyaga. Renunciation of mutual hostility (absence of hostility among beings is an excellence of Lord Arihant) अरहंत भगवन का देवकृत एक अतिशय, जीव पूर्व वैर को छोड़कर आपस में मैत्री भाव से रहने लगते हैं “