पपटच्चर!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] A country of Bharat Kshetra Middle Arya Khand (Region), भरतक्षेत्र मध्य आर्यखण्ड का एक देश ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] A country of Bharat Kshetra Middle Arya Khand (Region), भरतक्षेत्र मध्य आर्यखण्ड का एक देश ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विदर्भ – Vidarbha. A part of Maharashtra state, Name of the chief disciple of Lord Pushpadant. महाराष्ट्र प्रांत का एक भाग, तीर्थकर पुष्पदंत के मुख्य गणधर “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैभाविक शक्ति –VaibhavikiSakti Power causing passionate feelings contrary to the real nature. जीव-पुदगल की स्वभाव से रूपान्तर ग्रहण करने की शक्ति अथार्त राग आदि विकारी भाव ग्रहण करने वाली जीव पुदगल की शक्ति “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभ्रम – Vibhrama. Confusion, Agitation. व्स्तुस्वरूप का अज्ञानपना ही विभ्रम है “
त्रिकाली पर्याय Practice of equanimity three times a day. तीन कालों में क्रम से होने वाली अनंत पर्यायें ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विलास – Vilasa. Flirthing, Merriment, enjoyment. आनंद, मनोरंजन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नादग्रह – Nadagraha A part of the palace of deities भवनवासी देवों के भवनों में एक कक्ष ”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शिथिलाचारी : == सन्त्येकेभ्यो भिक्षुभ्य:, अगारस्था: संयमोत्तरा:। अगारस्थेभ्य सर्वेभ्य:, साधव: संयमोत्तरा:।। —समणसुत्त : २९८ यद्यपि शुद्धचारी साधुजन सभी गृहस्थों से संयम में श्रेष्ठ होते हैं तथापि कुछ (शिथिलाचारी) भिक्षुओं की अपेक्षा गृहस्थ संयम में श्रेष्ठ होते हैं।
एकांतानुवृद्धि Complete development of body. नवीन शरीर धारण के दूसरे समय से लेकर एक समय कम शरीर पर्याप्ति के अन्तर्मुहूर्त समय तक जो योगस्थान हो वे एकांतानुवृद्धि हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथत्त्क्व व्यवहार – Prthaktva Vyavahara. Nature of unity in diversity. व्यवहार का एक भेद; जहाँ पर भिन्न द्रव्यों में एकता का संबंध दिखाया जाता है उसे पृथत्त्क्व व्यवहार कहते हैं “