उपरितन कृष्टि!
उपरितन कृष्टि A type of krishti (gradual destruction of passions). चरम द्विचरम आदि कृष्टियों को उपरितन कृष्टि कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपरितन कृष्टि A type of krishti (gradual destruction of passions). चरम द्विचरम आदि कृष्टियों को उपरितन कृष्टि कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमेरू – Sumeru. The chief mountain with gold shine of middle universe. मध्यलोक का सर्वप्रधान पर्वत । यह स्वर्ण वर्ण व कुटाकार है। जम्बूद्वीप के बीचोबीच में स्थित यह पर्वत 1 लाख 40 योजन ऊॅंचा है इसे सुदर्षनमेरू के नाम से जाना जाता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारितापिकी क्रिया – Paritapiki Kriya. Activity causing pain to self & others. साम्परायिक आस्त्रव की २५ क्रियाओं में एक क्रिया; जो क्रिया स्वयं व् दूसरे को दुख उत्पन्न करावे “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकपंक्ति क्रिया – Lokapankti kriyaa.: Silly tradition of entertaining activities. अंतरात्मा के मलिन होने से मूर्ख लोग जो लोक को रंजायमान करने के लिये क्रिया करते हैं उसे लोकपंक्ति कहते हैं “
उपपादयोग स्थान The place of soul before incarnation . योगों का स्थान अर्थात् आत्मा के प्रदेशों का सकंप जो नवीन शरीर धारण करने के पहले समय में होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पापमोहितमती – Papamohitamati. A title for the secluded saint, moving alone. द्र्व्यलिंगी नग्न साधु (मिथ्याद्रष्टि) की उपाधि “
उपचरित स्वभाव Formal nature. स्वभाव का भी अन्यत्र उपचार करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]