रथरेणु!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रथरेणु – छेत्र का मापक प्रमाण। 8 त्रस रेणु=एक रथरेणु। Ratharenu-A measurement unit of area
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रथरेणु – छेत्र का मापक प्रमाण। 8 त्रस रेणु=एक रथरेणु। Ratharenu-A measurement unit of area
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षट्खंड – Satkhanda. Six parts of Bharat Kshetra (region). जम्बूद्वीप के भरतक्षेत्र आदि के एक आर्य व 5 म्लेच्छ खंड ” इन्ही षट् खंडो को चक्रवर्ती जीतता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंधन नामकर्म प्रकृति-शरीर नाम कर्म के उदय से प्राप्त हुए पुद्गलों का अन्योन्य प्रदेश संश्लेष जिसके निमित्त से होता है।इसके अभाव से शरीर लकडि़यों के ढेर जैसा हो जाता है। Bandhana Namakarna Prakrti- physique making karmic nature related to bonding
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाषा बल – Bhasha Bala. Power of speech. १० प्राणों में एक प्राण, वचन बल “
श्वेताम्बर – Shvetaambara. A Jaina sect originated from the division of Moolsangh (Digambar). दिगम्बर मान्यतानुसार भगवान महावीर के पश्चात् मूलसंघ दिगम्बर ही था ” बाद में (आज से लगभग दो हजार वर्ष पूर्व) उत्तर भारत में दुर्भिक्ष अकाल पड़ने के कारण कुछ शिथिलाचारी साधुओ ने स्वेताम्बर संघ की स्थापना की “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यषोधचरित्र – वादिराज द्वि ई 1010 – 1065 कृत, कवि पùनाथ ई 1405 – 1425 कृत, सकलकीर्ति ई 1406 – 1442 आदि विद्वानो द्वारा इस विशय के कइ ग्रन्थ रचे गए है। Yasodharacaritra-A character portrayal by many writers
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रोता – Shrotaa. Listeners. धर्म को सुनने वाले पुरुष ” गुण-दोषों की अपेक्षा इनके 14 भेद हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पूर्वापर अविरोध – Purvapara Avirodha. State devoid of mutual contradiction. परस्पर विरोध से रहित होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतसागरी – Shrutasaagaree. Name of a commentary book on Tattvarthvritti written by Bhattarak Shrutsagar. श्रुतसागर भट्टारक कृत तत्वार्थवृत्ति की टीका का नाम
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नपुरी तीर्थ – तीर्थकर घर्मनाथ भगवान की जन्मनगरी का नाम, ये वर्तमात में उ प्र के फैजाबाद जिले में स्थित है।सती मनोवती की गजमोती चढाकर जिनेन्द्र भगवान के दर्षन करने की प्रतिज्ञा यही पूर्ण हुयी थी। इसे रौनाही के नाम से भी जाना जाता है। Ratnapuri(Tirtha)-Name of a place of pilgrimage, The birth place…