राजस दान!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजस दान – जो दान थोडे समय के लिए सुन्दर और चकित करने वाला हो एवं अपते यष और ख्याति के लिए किया गया हो। Rajasa Dana- Donation for own popularity or fame
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजस दान – जो दान थोडे समय के लिए सुन्दर और चकित करने वाला हो एवं अपते यष और ख्याति के लिए किया गया हो। Rajasa Dana- Donation for own popularity or fame
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपाक – Vipaka. Fruition of karmas. कर्मों का फल देना अथवा द्रव्य, क्षेत्र, काल, भव, भाव इन ५ निमित्तों के द्वारा कर्मों का अनेक प्रकार से पाक होना अथवा फल देना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रेषमी वस्त्र – रेषम से बने वस्त्र। Resami Vastra-Silky cloth
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिथ्या श्रुतज्ञान–Mithya shrutagyan. False scriptural knowledge. मिथ्यादर्शन के उदय के साथ श्रुतज्ञान मिथ्या श्रुतज्ञान कहलाता है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] माणिक्यनंदि – Manikyanamdi. Name of the disciple of Ratnanandi and pre-cepter of Magehchandra, and the disciple of Acharya Ramnandi. नंदिसंघ बलात्कारगण में रत्ननन्दी के शिष्य तथा मेघचंद्र के गुरु (ई. सं. ६६३-६७९), आचार्य रामनंदी के शिष्य परीक्षामुख सूत्र के कर्ता आचार्य (ई. स. १००३-१०२८) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राग प्रत्यय – कर्मोे के आस्त्रव तीन हेतू मोह राग और द्वेश मे से राग का होना। Raga Prataya-One of the passionful causes of influx of karmas
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भेद पक्ष:Acceptance of something with alternative viewpoints. द्रव्य को गुण व पर्याय की अपेक्षा ग्रहण करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रेवानदी – मध्यप्रदेश की एक प्रसिद्ध नदी, इसके किनारे सिद्धवर कूट सिद्ध क्षेत्र है। Reva nadi-name of a holy river of madya Pradesha near Siddhvarkut , a place of pilgrimage
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृषभसेन – Vrsabhasena. The younger brother of Bharat Chakravarti, who became first chief disciple of Lord Rishabhdev.Name of a king of Rajgrahi city. भरत चक्रवर्ती के छोटे भाई जो की पुरिमतालपुर के राजा थे ये भगवन ॠषभदेव के प्रथम गणधर बने राजगृही के एक राजा का नाम जिन्होने तीर्थकर मुनिसुव्रत को आहार…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रैवतक पर्वत – सौराश्ट देष में जूनागढ राज्य का गिरनार पर्वत तीर्थकर नेमिनाथ की निर्वाण भूमि। Raivataka Paravata- Girnar mountain in Saurashtra (Jjunagarh), The salvation land of lord Neminath