गुरु उपास्ति!
गुरु उपास्ति Veneration for spiritual teachers. आचार्य आदि वीतरागी गुरूओं की पूजा करना तथा उनकी सेवा में सदा तत्पर रहना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुरु उपास्ति Veneration for spiritual teachers. आचार्य आदि वीतरागी गुरूओं की पूजा करना तथा उनकी सेवा में सदा तत्पर रहना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गोम्मटसार A book written by Acharya Nemichandra Siddhant Chakravarti. चामुंडराय की प्रेरणा से आचार्य नेमीचन्द्र सिद्धांत चक्रवर्ती (ई.श. ११ पूर्वार्द्ध)द्वारा रचित एक सिद्धांत ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंदार सिद्धार्थ वृक्ष: Name of a tree with the idols of Lord Siddha found in the 6th land of Samavasaran-holy assembly of Jaina-Lord. तीर्थंकरों के समवसरण की छठी भूमि के चार सिद्धार्थ वृक्षों – नमेरु, मंदार, संतानक एवं पारिजात में से एक, जिसके मूल भाग में सिद्धों की प्रतिमाएँ विराजमान रहती हैं ”…
उत्प्रेक्षा A figure of speech, Comparison, Illustration. एक अर्थालंकार इसमें भेदज्ञानपूर्वक उपमेय में उपमान की प्रतीति होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वितंडा – Vitamdaa.: Refuting the argument of opponent without establishing own truth,Perverse argumentation. सदोष आक्षेप “अपने किसी भी पक्ष की स्थापना किये बिना केवल पर पक्ष का खंडन करना वितंडा है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सनक – Sanaka. Craze, a whim, eccentricity, name of a sankhya thinker. उन्माद, किसी बात की धुन, एक सांख्य विचारक।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राक्षस वंष – पिद्याधरो का एक वंष, ये न देव होते हे न राक्षस। राक्षस नामक द्वीप के रक्षक होने से राक्षस कहलाये। Raksasa vansa-Name of a dynasty
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयमती (आर्यिका) – Vijayamatii (Aaryikaa).: Name of a female Jain ascetic,the disciple of Acharya Vimalsagar Maharaj and Belonging to Ankalikar Tradition. आचार्य श्री विमलसागर महाराज की शिष्या एवं अंकलीकर परम्परा की गणिनी आर्यिका (समय –ई.20 वीं शताब्दी )”
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगला:A type of super power with auspicious verses or texts, Mother’s name of Lord Sumatinath. कल्याणक मंत्रो से परिष्कृत एक विद्या, तीर्थं कर सुमतिनाथ की माता (अपरनाम-सुमंगला) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगसम्मह क्रिया – गर्भान्वय की 53 क्रियाओ में एक क्रिया, इसमे योगी तपोयोग को धारण कर षुक्ल ध्यान के द्वारा केवलज्ञान प्रकट करता है। Yoga sammaha Kriya-A type of auspicious activity (revelation of omniscience by a saint)