मुंडनक्रिया!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुंडन क्रिया–Mundan Kriya. A type of auspicious and scared activity, head shaving. 12वी गर्भान्वय क्रिया; चौल कर्म–केशवाय कर्म” शिशु के मंत्रो आदि की विधि द्वारा सिर मुंडन कराना”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुंडन क्रिया–Mundan Kriya. A type of auspicious and scared activity, head shaving. 12वी गर्भान्वय क्रिया; चौल कर्म–केशवाय कर्म” शिशु के मंत्रो आदि की विधि द्वारा सिर मुंडन कराना”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति बंध – Prakrti Bandha. Regular binding of different types of karmic natures. राग, द्वेषादि के निमित्त से जीव के साथ ज्ञानावरणादि कर्मों का निरंतर बंध होना अर्थात् जीव के भावों की विचित्रता के अनुसार विभन्न प्रकार की फलदान शक्ति वाले कर्मों का बंध होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पगिरी – Puspagiri. A mountain situated in Bharat Kshetra in Arya Khand (region). एक पर्वत, भरत क्षेत्र आर्यखण्ड में स्थित एक पर्वत “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परंपरा गुरू :Acharyas of Moolsangh in the tradition of Gautam Swami. गौतम स्वामी की परम्परा में मूलसंघ के आचार्यगण ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य कक्ष – Bahya Kaksa. Exterior cells. आंगन , बरामदा आदि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुषोत्तम – Purusottama. Supreme being, A type of Kimurush peripatetic deity, Name of the chief listener of Lord Vimalnath & the 4th Narayan. अतिउत्तम पुरुष, किंपुरुष व्यंतर देव का एक भेद, चौथे नारायण एवं तीर्थंकर विमलनाथ के मुख्य श्रोता का नाम “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == श्रुत : == अर्हद्भाषितार्थं, गणधरदेवै: ग्रन्थितं सम्यक्। प्रणमामि भक्तियुक्त:, श्रुतज्ञानमहोदिंध शिरसा।। —समणसुत्त : १९ जो अर्हत् के द्वारा अर्थरूप में उपदिष्ट है तथा गणधरों के द्वारा सूत्ररूप में सम्यक् गुंफित है, उस श्रुतज्ञान रूपी महािंसधु को मैं भक्तिपूर्वक सिर नवाकर प्रणाम करता हूँ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रणिपात – Pranipaata. Falling down, Bowing for worshipping or reverence. झुकना “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == विरक्त : == भावे विरक्तो मनुजो विशोक:, एतया दु:खौघ—परम्परया। न लिप्यते भवमध्येऽपि सन् , जलेनेव पुष्करिणीपलाशम्।। —समणसुत्त : ८१ भाव से विरक्त मनुष्य शोक—मुक्त बन जाता है। जैसे कमलिनी का पत्र जल में लिप्त नहीं होता, वैसे ही वह संसार में रहकर भी अनेक दु:खों की परम्परा से…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुमान – Pumana. A meritorious name for Lord Arihant, A title for living being. जिनेन्द्र भगवान के १००८ नामों में एक नाम, जीव को भी पुमान कहने की विवक्षा है “