स्वर नाम कर्म!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर नाम कर्म – Svara Naama Karma. Physique making Karmic nature causing voice. जिस कर्म के उदय से मनोज्ञ स्वर की रचना होती है वह सुस्वर नामकर्म है, इससे विपरीत दुःस्वर नामकर्म है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर नाम कर्म – Svara Naama Karma. Physique making Karmic nature causing voice. जिस कर्म के उदय से मनोज्ञ स्वर की रचना होती है वह सुस्वर नामकर्म है, इससे विपरीत दुःस्वर नामकर्म है।
दुर्दर्श A king of Yadu dynasty. यदु (यादव) वंश का एक राजा।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सम्यक्त्व : == स्थैर्यं प्रभावना भक्ति: कौशलं जिनशासने। तीर्थसेवा च पंचापि, भूषणानि प्रचक्षते।। —योगशास्त्र : २-१६ धर्म में स्थिरता, धर्म की प्रभावना—व्याख्यानादि द्वारा, जिनशासन की भक्ति, कुशलता—अज्ञानियों को धर्म समझाने में निपुणता, चार तीर्थ की सेवा—ये पांच सम्यक्त्व के भूषण हैं। सम्यक्त्वरहिता ननु, सुष्ठु अपि उग्रं तप: चरन्त:…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंभूरमण – Svayammbhuuramana. Name of the last island & the last ocean of middle universe. मध्य लोक का अंतिम द्वीप एंव अंतिम सागर जिनका जल सामान्य जल जैसा होता है।
देवकीर्ति An Acharya; disciple of Anantveerya. आचार्य ई. 990-1040 में अनंतवीर्य के शिष्य व गुणकीर्ति के सहधर्मा थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैदिश –Vaidisa. Old name of the present Vidisha (a city) in Madhya Pradesh वर्तमान भेलसा या विदिशा “
दृष्टिविष ऋद्धि A type of supernatural power (reg. a look causing curse). जिसके बल से रोषयुक्त हृदय वाले महर्षि के द्वारा देखा गया जीव सर्प द्वारा काटे गये के समान मर जाता है। जैन साधु इस ऋद्धि का कभी उपयोग नहीं करते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैमानिक देव –VAimanika Deva. Heavenly or celestial deities. सोलह स्वर्ग के निवासी देव ” जो विमानों से उत्पन्न होते है वे वैमानिक कहलाते हैं ” कल्पवासी और क्ल्पतित इनके २ भेद है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्न निमित ज्ञान – Svapna Nimitta Jnnaana. Knowledge caused due to dreams.स्वप्न के माध्यम से शुभशुभ को जान लेना स्वप्न निमित ज्ञान कहलाता है।