पांड्य!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पांड्य:A country situated in the middle aryakhand (region).मघ्य आर्यखण्ड मे स्थित एक देश।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पांड्य:A country situated in the middle aryakhand (region).मघ्य आर्यखण्ड मे स्थित एक देश।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यक्त्तनिर्वृत्त्यक्षर–Vyaktanirvrttyaksara. Power of pronouncing words possessed by five sensed beings. निर्वृत्त्यक्षरके दो भेदों में एक भेद; यह संज्ञी पंचेन्दिर्य पर्याप्तक तक के होता हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रविषेण – वि सं 734 में पùपुराण के रचियता एक आचार्य। Ravisena- name of an Acharya who wrote Jain Ramayan called as ‘Padmapuarn’
तीर्थंकर नामकर्म प्रकृति Auspicious Karmic nature causing the state of Tirthankar (Jaina -Lord). नामकर्म की एक पुण्य प्रकृति, इसका बंध सोलहकारण भावना भाने से होता है। ऐसे परिणाम केवल मनुष्य भव में और वहाँ भी किसी तीर्थंकर अथवा केवली के पादमूल में ही होने संभव है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रव्य सम्यग्दृष्टि One having keen desire & eligible talent for getting right perception. जो जीव अपने कल्याण का इच्छुक है अर्थात् जिसमें आगामी काल में सम्यक्त्व होने की योग्यता है। यह द्रव्य निक्षेप की अपेक्षा कथन है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पर स्त्री:Woean rather than one’s own wife.धर्मपत्नी के सिवाय अन्य स्त्री।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भानुनंदी – Bhanunamdi. Name of the disciple of Nemichandra-1 & preceptor of Sinhnandi-1. नेमिचन्द नं. १ के शिष्य और सिंहनन्दी नं. १ के गुरु (ई. ५६५-५८६) का नाम “
द्रव्य लेश्या Physical aura, physical colouration. वर्ण नामकर्म के उदय से उत्पन्न हुआ जो शरीर का वर्ण है। उसको द्रव्य लेश्या कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर वर्गणा – Shareera Varganaa. A type of karmic aggregate. 23 प्रकार की वर्गणाओं में एक वर्गणा “