विषय :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == विषय : == खेलम्मि पडिअमप्पं जह न तरइ मच्छिआवि मोएऊं। तह विसयखेलपडिअं न तरइ, अप्पंपि कामंधो।। —इन्द्रियपराजय शतक : ४६ जिस तरह श्लेष्म में पड़ी हुई मक्खी श्लेष्म से बाहर निकलने में असमर्थ होती है, वैसे ही विषयरूपी श्लेष्म में पड़ा हुआ व्यक्ति अपने आपको विषय से अलग…