मांसाहार :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मांसाहार : == मांसाशनेन वर्धते दर्प: दर्पेण मद्यम् अभिलषति। द्युतम् अपि रमते तत: तद् अपि र्विणतान् प्राप्तनोति दोषान्।। —समणसुत्त : ३०४ मांसाहार से दर्प बढ़ता है। दर्प से मद्यपान की इच्छा जागती है। इससे जुआ खेलने में भी मन रमता है। अत: अकेले मांसाहार के दोष से यहां…