तमिलनाडू में आर्यिकाओं का स्थान सिम्हाचंद शास्त्री, मद्रास भारत धर्म प्रधान देश है। संस्कृति और कला का उन्नायक स्थान है। साहित्य और इतिहास का खान है। साहित्य समाज का दर्पण है। इतिहास समाज का जीवन है। प्राचीनता साहित्य का देन है। जैन साहित्य जैनधर्म की प्राचीनता का द्योतक है। इस तथ्य का प्रामाणिक आधार विविध…
गणिनी आर्यिका राजीमती २२वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ के गर्भ में आने के छह माह पूर्व ही कुबेर ने शौरीपुर के राजा समुद्रविजय की रानी शिवादेवी के आँगन में रत्नों की वर्षा करना शुरु कर दिया। कार्तिक शुक्ला षष्ठी के दिन अहमिन्द्र का जीव जयन्त विमान से च्युत होकर शिवादेवी के गर्भ में आ गया। उसी…
आर्ष परम्परा में आर्यिका दीक्षा आचार्य विद्यानन्द मुनि आर्षवाद आर्षग्रन्थेषु कथाकोषादिषु स्वरूपं ज्ञातव्यम्। —(आचार्य सिंहनंदि, व्रततिथिनिर्णयम, २५४) आर्ष ग्रंथों अर्थात् ऋषियों एवं मुनियों द्वारा प्रणीत ग्रंथों एवं कथा—कोष आदि के ग्रंथों से स्वरूप का ज्ञान करना चाहिए। भगवान् ऋषभदेव की आर्ष—परम्परा के अनुगामियों को यह बात विचारणीय है कि क्या आर्यिकाओं की दीक्षा आचार्य, उपाध्याय…
गणिनी आर्यिका कीर्तिमती माताजी का संक्षिप्त परिचय (१) पूज्यश्री का नाम –गणिनी आर्यिका कीर्तिमती माताजी (२) जन्मस्थान – ललितपुर (३) जन्मतिथि व दिनाँक – श्रावण सुदी पंचमी (४) जाति – जैन (५) गोत्र – परवार (६) (A) माता का नाम श्रीमति भगवती देवी (B) पिता का नाम श्री चम्पालाल जी (७) लौकिक शिक्षा – १२…