धर्म की धुरी—हस्तिनापुर!
धर्म की धुरी—हस्तिनापुर सारांश कार्तिकेयानुप्रेक्षा ग्रंथ में स्वामी कार्तिकेय ने धर्म को अनेक रूपों में परिभाषित किया है। मनुस्मृति एवं जैन परम्परा के सर्वप्रथम संस्कृत भाषामय सूत्रात्मक ग्रंथ तत्वार्थसूत्र में धर्म के दश लक्षण बताये गये हैं। इन सभी परिभाषाओं एवं लक्षणों में उपासना पद्धतियों या कर्मकाण्ड को कोई स्थान नहीं दिया गया अपितु इसके…