हम सबकी प्रेरिका हैं, ये चन्दनामती माँ
[[श्रेणी:आर्यिका_चन्दनामती_माताजी_से_संबंधित_भजन]] रचयित्री-श्रीमती त्रिशला जैन, लखनऊ हम सबकी प्रेरिका है ये चंदनामती माँ… तर्ज-आए हो मेरी……………… center”200px]] हम सबकी प्रेरिका हैं, ये चन्दनामती माँ। हम इनकी छत्रछाया……….. हम इनकी छत्रछाया, में ही तो चाहें आना।।टेक.।। परिवार मोह त्यागा, वैराग्य मन में जागा। माँ ज्ञानमति को पाकर, अज्ञान मन का भागा।। जीवन में शान्ति चाहो…….. जीवन में…