सोलहकारण भावनाएँ!
सोलहकारण भावनाएँ (षट्खण्डागम ग्रंथ के आधार से) दिगम्बर जैन परम्परा में ‘षट्खण्डागम ग्रंथ’ सिद्धान्त के सर्वोपरि ग्रंथ माने हैं। इस षट्खण्डागम में छह खण्डों के- जीवस्थान क्षुद्रकबंध बंधस्वामित्वविचय वेदनाखण्ड वर्गणाखण्ड महाबंध ये नाम हैं। इनमें से षट्खण्डागम का जो तृतीय खण्ड है-‘‘बंधस्वामित्वविचय’’ इस ग्रंथ में जीव के साथ कर्मों के बंध के लिए जो प्रत्यय-कारण-निमित्त…