19. आहार मार्गणा
आहार मार्गणा ( गोम्मटसार जीवकाण्ड के आधार से ) (उन्नीसवाँ अधिकार) आहार का स्वरूप उदयावण्णसरीरोदयेण तद्देहवयणचित्ताणं। णोकम्मवग्गणाणं, गहणं आहारयं णाम।।१६२।। उदयापन्नशरीरोदयेन तद्देहवचनचित्तानाम्। नोकर्मवर्गणानां ग्रहणमाहारकं नाम।।१६२।। अर्थ—शरीरनामा नामकर्म के उदय से देह—औदारिक, वैक्रियक, आहारक इनमें से यथासंभव किसी भी शरीर तथा वचन और द्रव्य मनरूप बनने के योग्य नोकर्मवर्गणाओं का जो ग्रहण होता है उसको आहार…