03. भगवानशांतिनाथ
भगवान शांतिनाथ अपराजित महामंत्रणमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाणं।णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्व साहूणं।। अरिहंतों को नमस्कार हो, सिद्धों को नमस्कार हो, आचार्यों को नमस्कार हो, उपाध्यायों को नमस्कार हो और लोक में सर्व साधुओं को नमस्कार हो। इसे पंचनमस्कार मंत्र, महामंत्र और अपराजित मंत्र भी कहते हैं। एसो पंचणमोयारो, सव्वपावप्पणासणो।मंगलाणं च सव्वेसिं, पढमं हवइ…