गणिनी ज्ञानमती माताजी की आरती-1
गणिनी ज्ञानमती माताजी की आरती तर्ज—चाँद मेरे आजा रे........... आरती गणिनी माताकी आरती गणिनी माताकी दीपक जलाकर, थाली सजाकर, सब मिल करो आरतिया आरती.................।।टेक.।। अज्ञान तिमिर नश जावे, निज ज्ञान किरण पा जाऊँ। गणिनी माँ की आरति कर, भव आरत से छुट जाऊँ।। आरती गणिनी माता की.......।।१।। आश्विन शुक्ला पूनो को, इक...