मुहूर्त विचार शुभ समय (मुहूर्त) प्राचीन काल से ही प्रत्येक मांगलिक कार्य के लिए शुभ समय का विचार किया जाता रहा है क्योंकि समय का प्रभाव जड़ और चेतन सभी प्रकार के पदार्थों पर पड़ता है इसीलिए हमारे आचार्यों ने गर्भाधानादि अन्यान्य संस्कार व प्रतिष्ठा, गृहारम्भ, गृहप्रवेश, यात्रा आदि सभी मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त…
नक्षत्रों के कार्य एवं नामाक्षर में छिपा रहस्य नक्षत्र सम्पूर्ण आकाश मण्डल को २७ नक्षत्र तथा १२ राशियों में बांटा गया है अत: आकाशमण्डल के २७वें भाग को ‘नक्षत्र’ तथा १२ वें भाग को राशि कहा जाता है। इस नियमानुसार २—१/४ नक्षत्र की एक राशि होती है। चन्द्रमा की १ कला १ तिथि की परिचायक…
भारतीय ज्योतिष के सिद्धान्त भारतीय ज्योतिष का मुख्य प्रयोजन भारतीय ज्योतिष का मुख्य प्रयोजन आत्मकल्याण के साथ लोक व्यवहार का सम्पन्न करना है। लोक व्यवहार के निर्वाह के लिए ज्योतिष के क्रियात्मक दो सिद्धान्त हैं–गणित और फलित। गणित ज्योतिष के शुद्ध गणित के अतिरिक्त करण, तन्त्र और सिद्धान्त—ये तीन भेद एवं फलित के जातक, ताजिक,…
जैनागम में ज्योतिष मनुष्य में सोचने-समझने की योग्यता है उसके फलस्वरूप उसे अपने विषय की चिन्ता ने अनादिकाल से सताया है। वर्तमान की चिन्ताओं के अतिरिक्त उसे इस बात की बड़ी जिज्ञासा रही है कि भविष्य में उसका क्या होने वाला है? आने वाले कल की बात आज जान लेने के लिये वह इतना आतुर…