39. विवर्धनकुमार आदि चक्रवर्ती भरत के ९२३ पुत्र थें।!
विवर्धन कुमार आदि चक्रवर्ती भरत के ९२३ पुत्र थें। ये निगोद से निकलकर इन्द्रगोप हुये पुन: भरत चक्रवर्ती के हाथी के पैर के नीचे मरकर मनुष्य हुये हैं। अयं तु विशेष-नित्यनिगोदजीवान् विहाय पञ्चप्रकारसंसारव्याख्यानं ज्ञातव्यम् कस्मादिति चेत्-नित्यनिगोदजीवानां कालत्रयेऽपि त्रसत्वं नास्तीति। तथा चोक्तं-‘‘अत्थि अणंता जीवा जेहिं ण पत्तो तसाण परिणामो। भावकलंकसुपउरा णिगोदवासं ण मुंचंति।१।’’ अनुपममद्वितीयमनादिमिथ्यादृशोऽपि भरतपुत्रास्त्रयोविंशत्यधिकनवशत- परिमाणास्ते…