भगवान पार्श्व के १०८ सिद्धस्थान ग्वालियर, पौराणिक साक्ष्यों के अनुसार नेमिनाथ भगवान से संबद्ध महाभारत कालीन नगर सुप्रतिष्ठ केवली की निर्वाणभूमि है। भगवान पार्श्र्वनाथ की ४२ फीट पद्मासन विश्व की सर्वाधिक विशाल प्रतिमा एक पत्थर की बावड़ी पर स्थित है। भगवान पार्श्र्वनाथ के चमत्कारिक वृत्तांतों के रूप में अनेक कथायें प्रचलित हैं। देवभद्रपुरी का पार्श्र्वनाथ…
१४०६ वर्ष प्राचीन भूगर्भ से प्राप्त १३ फणी कलिकुण्ड पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा लेखक: महेन्द्र कुमार जैन ‘भगतजी’ उत्तर प्रदेश का बागपत जो कि एक नदी किनारे बसा हुआ है, पुराना कस्बा बागपत के नाम से सुप्रसिद्ध है जो प्राचीन काल में पाण्डवों के पाँचवे पुत्र नरेश सहदेव की राजधानी वणिकपथ बागपत के नाम से…
तीर्थंकर पार्श्वनाथ जैनधर्म के २३ वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ हैं । इनका जन्म बनारस में पौष कृष्णा एकादशी को हुआ था ।इनके पिता नाम महाराजा अश्वसेन एवं माता का नाम महारानी वामा देवी था । भगवान पार्श्वनाथ ने विवाह नहीं कियाथा ।उन्होंने ३० वर्ष की आयु में जैनेश्वरी दीक्षा धारण करली थी ।उन्हें अहिच्छत्र में…