मूलगुण-उत्तरगुण
२. मूलगुण-उत्तरगुण साधु के उत्तरगुण मुनियों के बारह तप और बाईस परीषहजय ऐसे ये १२ + २२·३४ उत्तरगुण होते हैं। अट्ठाईस मूलगुण तो आचार्य, उपाध्याय और साधु इन तीनों में पाये ही जाते हैं। इनके बिना वे दिगम्बर मुनि हो ही नहीं सकते हैं। अनन्तर आचार्य पद और उपाध्याय पद की दीक्षा में उनके गुण…