अहिंसा के विशेष परिप्रेक्ष्य में जैन धर्म और विश्वशांति (Jainism & World Peace in Special Perspective of Non-Violence)
अहिंसा के विशेष परिप्रेक्ष्य में जैन धर्म और विश्वशांति —अजित जैन ‘जलज’ डॉ. विनोद गुप्ता, मनुष्य का दुश्मन नहीं दोस्त है सर्प, विज्ञान प्रगति, जुलाई २०१० सी.एस. आई. आर. डॉ. के. एस. कृष्णनन मार्ग, नई दिल्ली—११००१२ अर्हत् वचन जनवरी से जून २०११ सारांश ‘परस्परोग्रहो जीवानाम्’ को मूल मंत्र मानने वाले जैन धर्म एवं दर्शन...