जैनदर्शन और ईश्वर
जैनदर्शन और ईश्वर कतिपय विचारक जैनदर्शन को इसलिए ‘नास्तिक दर्शन’ कहते हैं कि ‘यह दर्शन ईश्वर को नहीं मानता’– किन्तु उनका यह चिन्तन नितान्त भ्रामक एवं दुराग्रहपूर्ण है; क्योंकि जैनदर्शन ईश्वर को मानता है। आत्मा के पर्यायगत विकास की परिपूर्णता को ही जैनदर्शन में परमात्मा या ईश्वर माना गया है तथा इस विकास की चौदह…