भारतीय आर्यभाषा का तुलनात्मक अध्ययन
भारतीय आर्यभाषा का तुलनात्मक अध्ययन विद्वद्वर्य डॉ० हीरालाल जी जैन लेखन एवं सम्पादन के ऐसे मिथक बन गये कि दर्शन के अतिरिकत भाषा, सम्पादन-विधि आदि क्षेत्रों में उनकी लेखनी से प्रसूत वाक्यावलि आर्षवाक्य के समान विद्वज्जनों में भी मादृत हुर्इं । वे एक माहन् साहित्यकार, भाषाशास्त्री निष्णात सम्पादक, दर्शनिक, गंभीर विचारक एवं सफल लेखक थे।…