तीर्थंकर का जन्माभिषेक मुनियों द्वारा भी दर्शनीय है।
तीर्थंकर का जन्माभिषेक मुनियों द्वारा भी दर्शनीय है पंचकल्याणकों से समन्वित तीर्थंकर भगवान् इस पंचम काल में साक्षात् विद्यमान नहीं हैं फिर भी उनके प्रतिबिम्बों में पंचकल्याणक के संस्कार करके उन्हें भगवान् तीर्थंकर के समान ही मानकर पूजा जाता है। उन अचेतन प्रतिमाओं के दर्शन-वन्दन से भव्य प्राणी सम्यग्दर्शन को प्रगट कर मोक्ष तक का...