ब्यावर में अध्यापन प्रारंभ
ब्यावर में अध्यापन प्रारंभ (ज्ञानमती माताजी की आत्मकथा) स्वाध्याय प्रारम्भ- आचार्यश्री से आज्ञा लेकर यहाँ ब्यावर में श्रुतपंचमी की क्रिया करके मैंने प्रातः राजवार्तिक द्वितीय अध्याय का स्वाध्याय प्रारंभ किया। पहले चातुर्मास में आचार्यश्री महावीरकीर्ति जी के पास राजवार्तिक एक अध्याय का पठन हो चुका था अतः द्वितीय से ही अध्ययन कराना निश्चित हुआ। इस...