सोलहकारण भावना
सोलहकारण भावना सोलहकारण भावना पुस्तक भी परमपूज्य आर्यिका श्री अभयमती माताजी की एक मौलिक कृति है। तीर्थंकर प्रकृति का बंध कराने में कारणभूत यह सोलहकारण भावना हैं, प्रारंभ में पूज्य माताजी ने मंगलाचरण के रूप में लिखा है- श्री देव शास्त्र गुरु के चरणों में, झुक झुक शीश प्रणाम करूँ। सोलह कारण शुद्ध भावना भाकर…