गणधरवलय मंत्र स्तुति
गणधरवलय मंत्र स्तुति प्रस्तुति - गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी (हिन्दी पद्य) (चौबोल छंद) पद्य - १ ‘‘णमो जिणाणं’’ घातिकर्मजित, ‘‘जिन को ’’ नमस्कार होवे। सर्व कर्मजित सब सिद्धों को, नमस्कार भी नित होवे।। कहें ‘‘देशजिन’’ सूरि पाठक, साधूगण इंद्रियविजयी। रत्नत्रय से भूषित नित ये, इन सबको भी नमूं सही।।१।। पद्य - २ ‘‘ओहिजिणाणं णमो‘‘ सदा...