सिद्ध परमेष्ठी स्तुति!
सिद्ध परमेष्ठी स्तुति दोहा सकल सिद्ध परमात्मा, निकल अमल चिद्रूप।नमूं नमूं नित भक्ति से, सिद्धचक्र शिव भूप।।१।। (चाल-हे दीन बंधु श्रीपति……) जै सिद्धचक्र मध्यलोक से भये सभी।जै सिद्धचक्र तीनकाल के कहे सभी।।जै जै त्रिलोक अग्रभाग पे विराजते।जै जै अनादि औ अनंत सिद्ध सासते।।२।।जो जम्बूद्वीप से अनंत सिद्ध हुए हैं।क्षारोदधी से भी अनंत सिद्ध हुए…