02.अथ वास्तुबलिविधानम्
1 2 3 अथ वास्तुबलिविधानम् (वास्तु विधान) अथ पूर्ववद्वायुकुमारादिप्रयोगेण भूमिसंस्कारः। ततः संकल्पः। अथ पुण्याहवाचना विधेया- (पूर्व के समान वायुकुमार आदि की पूजा करके भूमिशोधन विधि करें पुनः संकल्प करके पुण्याहवाचन विधि करें। अनंतर ब्रह्मस्थाने पद्य पढ़कर दश दिशा में दर्भ स्थापना करें।) ब्रह्मस्थाने मघोनः ककुभि हुतभुजो धर्मराजस्य रक्षो-राजस्याहींद्रपाणेरवनिर्हभृतः शंभुमित्रस्य शंभोः।। नागेंद्रस्यामृतांशोरपि सदकलसद्गंधपुष्पादिदूर्वा। दर्भान्वेद्या दिशासु न्यसनमिह...