37. श्री विनायकयंत्र पूजा
श्री विनायकयंत्र पूजा शंभु छंद श्रीपंचपरम गुरु त्रिभुवन में, नित शत इंद्रों से वंदित हैं। अर्हंत सिद्ध साधू केवलि, प्रज्ञप्तधर्म मंगलमय हैं।। ये चार लोक में उत्तम हैं, ये चारहि शरणभूत जग में। ये सिद्ध विनायक यंत्र मध्य, पूजत ही विघ्न हरें क्षण में।। ॐ ह्रीं अर्हं असिआउसा मंगलोत्तमशरणभूता! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ…