चिम्मनलालजी जैन!
चिम्मनलालजी जैन
इन्हें भी जाने ? क्रमांक प्रश्न उत्तर १. जीव के २ प्रकार संसारी और मुक्त जीव २. निर्जरा के २ प्रकार सकाम निर्जरा,अकाम निर्जरा ३ . आदिनाथ भगवान के २ नाम ऋषभदेव, आदिनाथ ४. पुष्पदंत भगवान के २ नाम पुष्पदंत, सुविधिनाथ ५. नय के २ भेद निश्चयनय, व्यवहारनय ६. काल के २ प्रमुख भेद अवसर्पिणी…
दर्शन_स्तुति प्रभु पतितपावन मैं अपावन, चरन आयो सरन जी। यो विरद आप निहार स्वामी, मेट जामन मरन जी।।१।। तुम ना पिछान्या आन मान्या, देव विविध प्रकार जी। या बुद्धि सेती निज न जाण्यो, भ्रम गिण्यो हितकार जी।।२।। भव विकट बन में करम वैरी, ज्ञानधन मेरो हर्यो। सब इष्ट भूल्यो भ्रष्ट होय, अनिष्ट गति धरतो फिर्यो।।३।।…
अभीप्सितकार्य सिद्धिदायक कल्याणमन्दिरमुदारमवद्य – भेदि – भीताभय – प्रदमनिन्दितमङ्घ्रिपद्मम्। संसारसागर – निमज्जदशेष-जन्तु- पोतायमानमभिनम्य जिनेश्वरस्य।।१।। कुसुमलता छंद पारस प्रभु कल्याण के मंदिर, निज-पर पाप विनाशक हैं। अति उदार हैं भयाकुलित, मानव के लिए अभयप्रद हैं।। भवसमुद्र में पतितजनों के, लिए एक अवलम्बन हैं। ऐसे पारस प्रभु के पद में, शीश झुकाकर वन्दन है।।१।। अन्वयार्थ – (कल्याणमंदिरम्)…
स्थावर जीव संसारी जीव के दो भेद हैं-त्रस और स्थावर। एकेन्द्रिय जीव को स्थावर जीव कहते हैं। इन जीवों के केवल शरीर रूप एक स्पर्शन इन्द्रिय ही होती है। स्थावर जीव के पाँच भेद हैं– पृथ्वीकायिक, जलकायिक, अग्निकायिक, वायुकायिक और वनस्पतिकायिक। पृथ्वीकायिक जीव अर्थात् पृथ्वी ही जिनका शरीर हो, जैसे मिट्टी, पाषाण, अभ्रक, सोना आदि।…