आचार्यश्री के चार स्वप्न
आचार्यश्री के चार स्वप्न (१) लोणंद में– लोणंद चातुर्मास के अन्त में आचार्य महाराज को यह स्वप्न रात्रि के अंतिम प्रहर में दिखाई पड़ा था, आचार्यश्री के आसपास ५०० से अधिक व्यक्ति बैठे थे। उस समय १२ हाथ लंबा सर्प घेरा बांधकर बैठा था। वह लोगों के पास से आकर महाराज के सिर पर चढ़…