धर्म का महत्व!
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:सूक्तियां ]] == परस्त्रीगमन : == प्राणसंदेह—जननं परमं वैरकारणम्। लोकद्वयविरुद्धं च, परस्त्रीगमनं त्यजेत्।। —योगशास्त्र : २-९७ परस्त्रीगमन प्राण—नाश के संदेह को उत्पन्न करने वाला है। परम वैर का कारण है और इहलोक और परलोक—दोनों लोकों को नष्ट करने वाला है, अत: परस्त्रीगमन को त्याग देना चाहिए। सर्वस्वहरणं बन्धं, शरीरावयवच्छिदाम्। मृतश्च नरकं…
[[श्रेणी:विश्व_की_सबसे_ऊंची_प्रतिमा_का_निर्माण]]
कन्या भ्रूण हत्या के विरूद्ध विनोद कुमार ‘नयन’ जो बेटी बेटे में भेद करे, अरे वो कैसी महतारी है। जो कोख में बेटी को मारे, वो जननी नहीं हत्यारी है।। पुत्र चाह में पड़कर जो कन्या—भ्रूण हत्या करती हैं। वे जीवन भर पछताती हैं, और घुट—घुट करके मरती हैं।। भ्रूण हत्या जिस माता ने की,…