विनयांजलि!
विनयांजलि लेखिका-श्रीमती मालती जैन, बसंत कुंज, दिल्ली ज्ञानमती माँ ! पूर्ण चन्द्रमा, इनकी कला निराली है,गुरु से चंदनामती मात ने, पूर्ण चाँदनी पा ली है।।टेक.।। एक दूसरे की पूरक हो, मावस से र्पूिणमा बनीं, जैसा मार्ग दिखाया, गुरु ने, बहन माधुरी वहीं चलीं। सम्यग्दर्शन—ज्ञान—चरित में, ज्ञानमती माँ जग दर्पण, बना दिया चंदनामती को,…