धवलसेठ की रयनमंजूषा पर आसक्ति
धवलसेठ की रयनमंजूषा पर आसक्ति, रयनमंजूषा के शील के प्रभाव से जलदेवता का आसन कंपायमान धवल सेठ कामाग्नि से दग्ध हो रहा था अत: वह अब और अधिक दिन निकालने में असमर्थ हो गया। तब उसने एक दूती को समझा-बुझाकर रयनमंजूषा के पास भेज दिया। दूती ने उसे समझाना शुरू किया— ‘अरे बेटी! तेरा यह…