24. श्रावक के ८ मूलगुण
श्रावक के ८ मूलगुण श्रावक के ८ मूलगुण होते हैं। इनके अनेक प्रकार हैं— पुरुषार्थसिद्ध्युपाय में श्री अमृतचंदसूरि ने लिखा हैं— मद्यं मांसं क्षौद्रं पञ्चोदुम्बरफलानि यत्नेन।हिंसाव्युपरतिकामैर्मोक्तव्यानि प्रथममेव।।६१।। पुरुषार्थसिद्ध्युपाय पृ. ३०, श्लोक ६१।’ अन्वयार्थौ — (हिंसाव्युपरतिकामैः) हिंसा त्याग करने की कामना वाले पुरुषों को (प्रथममेव) प्रथम ही (यत्नेन) यत्नपूर्वक (मद्यं) शराब, (मांसं) मांस, (क्षौद्रं) शहद और…