25. चारित्र से ही निर्वाण की प्राप्ति
”चारित्र से ही निर्वाण की प्राप्ति” ‘हे भगवन्! मोक्ष की प्राप्ति का कारण क्या है ?’ ‘दर्शन१ ज्ञान है प्रधान जिसमें, ऐसा चारित्र इस जीव को देवेन्द्र, असुरेन्द्र और चक्रवर्ती के वैभव के साथ-साथ निर्वाण को प्राप्त करा देता है।’ ‘तो क्या चारित्र सांसारिक अभ्युदय और नि:श्रेयस इन दोनों फलों को दे सकता है ?’…